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अंक के प्रमुख आकर्षण

मार्च 2016

संपादकीय

अपना-अपना राष्ट्रवाद

युवा संवाद - मार्च 2016 अंक में प्रकाशित

 

पटियाला हाउस में दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी ने कन्हैया, उसके वकीलों व जेएनयू के टीचर्स की सुरक्षा की गारंटी ली थी लेकिन दिल्ली पुलिस कमिश्नर की गारंटी या जमानत पूरी तरह से असफल हुई। जवाहर लाल नेहरु विश्व विद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पिटाई तो हुई ही साथ में पत्रकारों की भी पिटाई हो गई। माननीय उच्चतम न्यायलय द्वारा पटियाला हाउस भेजी गई टीम पर भी पानी की बोतल, पत्थर फेंके गए तथा पाकिस्तानी दलाल कहकर नारेबाजी की गई और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक भूमिका के अतिरिक्त कुछ नहीं बनी।

 

आगे पढ़े...

यह जो बिहार है: गंगा: बदहाली की कहानी — योगेंद्र

रोहित वेमुला: दलित चेतना के आयाम — अरुण कुमार त्रिपाठी

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रोहित वेमुला: सरहदों के पार रोहित वेमुला — अभिनव श्रीवास्तव

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रोहित वेमुला: हिंदुत्व राजनीति और दलित... — राम पुनियानी

रोहित वेमुला: दलित मरता है तो यह.... — महेश कुमार

रोहित वेमुला: अनेक सवालों की घिरी मौत — कुमार नरेंद्र सिंह

रोहित वेमुला: राष्ट्रद्रोही या भारत माता का... — चिन्मय मिश्र

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दस्तावेज: दलित प्रश्न और भगतसिंह — मुद्राराक्षस

चिंतन: डाॅ. लोहिया का स्त्रीवादी.... — मधु

असहिष्णुता: घुटन भरा माहौल है.... — मंगलेश डबराल

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बुंदेलखण्ड: गहरा है सूखाग्रस्त गांवों... — भारत डोगरा

वैकल्पिक परिवहन: आॅड और ईवन से आगे — राजेंद्र रवि

कविता: जि़न्दाँ की एक सुबह — फ़ैज़ अहमद फ़ैज